बेद राखे बिदित, पुरान परसिद्ध राखे,
रामनाम राख्यो अति रसना सुघर में।
हिंदुन की चोटी, रोटी राखि हैं सिपाहिन की,
कांधे में जनेऊ राख्यो, माला राखी गर में।
मीड़ि राखे मुगल, मरोड़ि राखे पातसाह,
बैरी पीसि राखे, बरदान राख्यो कर में।
राजन की हद्द राखी, तेग-बल सिवराज,
देव राखे देवल, स्वधर्म राख्यो घर में ।।